VMOU BA PS-01 POLITICAL SCIENCE Internal Assignment

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VMOU INTERNAL ASSIGNMENT

Max Marks: 30

Note: The Internal Assignment has been divided into three sections A, B, and C. Write answers as per the given instruction.
नोट : आंतरिक गृह कार्य में प्रश्नों को तीन खंडों में अ, ब और स के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है। प्रत्येक खंड के निर्देशानुसार प्रश्नों का उत्तर दीजिए।


Section-A / खंड-अ

(Very Short Answer Type Questions) (अति लघु उत्तर वाले प्रश्न)

Section-A contains 6 (six) Very Short Answer Type Questions (one word, one sentence, and definitional type). Students have to attempt all questions. Each question will be of 1 (one) mark and the maximum word limit will be 30 words. Maximum marks of Section-A will be 6 (six) marks. खंड – अ में 6 (छः) अति लघु उत्तर वाले प्रश्न (एक शब्द, एक वाक्य और पारिभाषिक प्रकार के) होंगे। छात्रों को सभी सवालों का उत्तर करना है। प्रत्येक प्रश्न 1 (एक) अंक का होगा और अधिकतम शब्द सीमा 30 शब्द होगी। खंड – अ का अधिकतम अंक 6 (छः) अंक होगा।

  1. राजनीति विज्ञान के परंपरागत दृष्टिकोण से आप क्या समझते हैं?
  • इसमें राजनीतिक संस्थाओं, इतिहास और दार्शनिक विश्लेषण का अध्ययन किया जाता है।
  1. राजनीति विज्ञान और इतिहास किस प्रकार एक दूसरे से संबंधित हैं?
  • राजनीति विज्ञान ऐतिहासिक डेटा का उपयोग करके राजनीतिक संस्थाओं और प्रक्रियाओं को समझता है।
  1. उत्तर-व्यवहारवाद से आप क्या समझते हैं?
  • यह राजनीतिक अनुसंधान के सामाजिक समस्याओं के समाधान में प्रासंगिकता और अनुप्रयोग पर जोर देता है।
  1. ‘विधि का शासन’ अवधारणा में निहित सिद्धांतों को बताइए।
  • विधि के समक्ष समानता, कानूनी निश्चितता, और विधि के प्रति उत्तरदायित्व।
  1. आदर्शवादी राजनीतिक चिंतन से आप क्या समझते हैं? चार आदर्शवादी विचारकों के नाम लिखें।
  • राजनीति में विचारों और नैतिक मूल्यों पर जोर देना। विचारक: प्लेटो, हेगेल, कांट, और रूसो।
  1. मार्क्स द्वारा प्रतिपादित द्वंद्वात्मक भौतिकवाद का अर्थ समझाइए।
  • यह राजनीतिक और ऐतिहासिक घटनाओं को सामाजिक बलों के संघर्ष के परिणामस्वरूप देखता है, जो भौतिक आवश्यकताओं से प्रेरित होते हैं।

Section-B / खंड-ब

(Short Answer Type Questions) (लघु उत्तर वाले प्रश्न)

Section-B contains 5 (five) Short Answer Type Questions. Students have to answer
any 4 (four) questions. Each question will be of 3 (three) marks and the maximum
word limit will be 150 words. Maximum marks of Section-B will be 12 (twelve) marks.
खंड – ब में 5 (पांच) लघु उत्तर प्रकार के प्रश्न होंगे। छात्रों को किसी भी 4 (चार) सवालों का
उत्तर देना होगा। प्रत्येक प्रश्न 03 (तीन) अंक का होगा और अधिकतम शब्द सीमा 150 शब्द होगी।
खंड – ब का अधिकतम अंक 12 (बारह) होगा।

  1. राजनीति विज्ञान में व्यवहारवाद के उदय के कारण क्या हैं?

व्यवहारवाद के उदय के कई कारण थे। पहले, पारंपरिक दृष्टिकोण से असंतोष ने राजनीतिक व्यवहार के अध्ययन की मांग को बढ़ावा दिया।
दूसरे, सामाजिक विज्ञानों की प्रगति ने राजनीतिक विज्ञान में भी वैज्ञानिक और अनुभवजन्य विधियों का उपयोग करने की आवश्यकता को
महसूस कराया। तीसरे, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद तकनीकी प्रगति और डेटा विश्लेषण के नए तरीकों ने व्यवहारवादी अनुसंधान को सरल और
सटीक बनाया। चौथे, राजनीतिक व्यवहार को मापने और विश्लेषण करने के लिए नई तकनीकों और सांख्यिकीय उपकरणों के विकास ने
व्यवहारवाद को प्रोत्साहन दिया।

  1. राजनीतिक आधुनिकीकरण क्या है? इसकी विशेषताएं क्या हैं?

राजनीतिक आधुनिकीकरण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा राजनीतिक प्रणालियां अधिक जटिल और विभेदित संरचनाओं की ओर बढ़ती हैं।
इसकी मुख्य विशेषताएं हैं:

  • संस्थागत विकास: स्थिर और अनुकूलनीय राजनीतिक संस्थाओं का विकास।
  • राजनीतिक भागीदारी: नागरिकों की राजनीतिक भागीदारी का विस्तार।
  • वैधानिकता: राजनीतिक सत्ता की स्वीकृति और वैधता में वृद्धि।
  • जटिलता: राजनीतिक संरचनाओं के भीतर विभेदन और विशेषज्ञता।
  • कुशलता: नीतियों को तैयार करने और लागू करने की क्षमता में सुधार।
  1. संविधानवाद और विधि का शासन से आप क्या समझते हैं? ये एक दूसरे से किस प्रकार भिन्न हैं?

संविधानवाद: यह सिद्धांत है कि सरकार को एक संविधान द्वारा सीमित किया जाना चाहिए।

विधि का शासन: यह सिद्धांत है कि सभी व्यक्तियों और संस्थाओं को कानून के प्रति उत्तरदायी होना चाहिए।

भिन्नता: संविधानवाद का ध्यान सरकार की शक्ति को संविधान द्वारा सीमित करने पर होता है, जबकि विधि का शासन सभी के लिए समानता
और कानून के प्रति जवाबदेही पर जोर देता है।

  1. ‘स्वतंत्र न्यायपालिका’ से क्या तात्पर्य है? इसे कैसे सुनिश्चित किया जा सकता है?

स्वतंत्र न्यायपालिका का मतलब है कि न्यायपालिका शाखा बाहरी प्रभावों से मुक्त हो और केवल कानून के आधार पर निर्णय ले सके।
इसे सुनिश्चित करने के लिए जजों का सुरक्षित कार्यकाल, वित्तीय स्वतंत्रता, और शक्तियों का स्पष्ट विभाजन आवश्यक है।

इसके अलावा, न्यायपालिका के कार्यों में किसी भी प्रकार का राजनीतिक हस्तक्षेप न हो, यह भी आवश्यक है।

  1. हित समूह और राजनीतिक दल एक दूसरे से किस प्रकार भिन्न हैं?

हित समूह: ये संगठन होते हैं जो सार्वजनिक नीति को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं लेकिन सरकार पर नियंत्रण
पाने की कोशिश नहीं करते।

राजनीतिक दल: ये संगठन होते हैं जो चुनाव जीतकर सरकार पर नियंत्रण पाने का प्रयास करते हैं।

भिन्नता: हित समूह चुनाव नहीं लड़ते जबकि राजनीतिक दल चुनाव लड़ते हैं और सरकार बनाने का प्रयास करते हैं।


Section-C / खंड-स

(Long Answer Questions) (दीर्घ उत्तर वाले प्रश्न)

In Section-C students have to answer any 2 (two) questions. Each question will be of 6 (six) marks and
the maximum word limit will be 500 words. Maximum marks of Section-C will be 12 (twelve) marks.
खंड – स में छात्रों को किसी भी 2 (दो) सवालों का उत्तर देना होगा। प्रत्येक प्रश्न 06 (छः) अंक का होगा और
अधिकतम शब्द सीमा 500 शब्द होगी। खंड – स का अधिकतम अंक 12 (बारह) होगा।

  1. राजनीतिक विज्ञान का आधुनिक दृष्टिकोण की विशेषताओं का विस्तार से वर्णन कीजिए।

आधुनिक राजनीतिक विज्ञान दृष्टिकोण में कई प्रमुख विशेषताएं हैं जो इसे परंपरागत दृष्टिकोण से भिन्न बनाती हैं:

अनुभववाद: यह दृष्टिकोण अवलोकन और डेटा संग्रह पर आधारित है। इसका उद्देश्य राजनीतिक व्यवहार और
घटनाओं का वैज्ञानिक तरीके से अध्ययन करना है। अनुभवजन्य अनुसंधान पद्धतियों का उपयोग करके यह
राजनीतिक सिद्धांतों को साबित करने या खारिज करने का प्रयास करता है।

व्यवहारवाद: इस दृष्टिकोण का मुख्य जोर राजनीतिक व्यवहार का अध्ययन करना है, न कि केवल राजनीतिक संस्थाओं का।
यह नागरिकों, नेताओं, और सरकारी अधिकारियों के व्यवहार का विश्लेषण करता है और इसे राजनीतिक प्रक्रियाओं के साथ जोड़ता है।

अंतरविषयक दृष्टिकोण: आधुनिक राजनीतिक विज्ञान समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों से
अंतर्दृष्टि को शामिल करता है। इस दृष्टिकोण का उद्देश्य अधिक समग्र और व्यापक समझ प्रदान करना है।

प्रणाली सिद्धांत: यह राजनीतिक प्रणालियों को गतिशील और आपस में संबंधित के रूप में देखता है। प्रणाली सिद्धांत का
उपयोग करके, राजनीतिक विज्ञान की जटिलताओं और इंटरकनेक्शन को समझने की कोशिश की जाती है।

मात्रात्मक विश्लेषण: सांख्यिकीय उपकरणों और मॉडल का उपयोग करके, यह दृष्टिकोण राजनीतिक घटनाओं और
व्यवहारों का विश्लेषण करता है। आंकड़ों का उपयोग करके यह निष्कर्ष निकालने का प्रयास करता है कि
राजनीतिक प्रक्रियाएं और घटनाएं कैसे और क्यों घटित होती हैं।

सैद्धांतिक विविधता: आधुनिक दृष्टिकोण कई सैद्धांतिक दृष्टिकोणों को स्वीकार करता है और उनका उपयोग करता है,
जैसे कि तर्कसंगत विकल्प सिद्धांत, संरचनावाद, और नव-प्रजातिवाद। इसका उद्देश्य राजनीतिक घटनाओं को
विभिन्न दृष्टिकोणों से देखना और समझना है।

प्रायोगिक दृष्टिकोण: राजनीतिक घटनाओं और प्रक्रियाओं के अध्ययन में प्रयोगों का उपयोग करके,
यह दृष्टिकोण वैज्ञानिक अनुसंधान पद्धतियों को लागू करता है। प्रायोगिक अध्ययन राजनीतिक व्यवहार
के कारणों और प्रभावों को समझने

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